Tuesday 1 March 2022

Vivek Kumar Akela

मेरे लिए एक मेरा जीवन इसी तरह लिखता रहूं मैं जिंदगी के लिए

Friday 25 February 2022

Vivek Kumar Akela

Vivek Kumar Akela एक लेखक है जो जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के ऊपर अपनी प्रतिक्रियाओं को जाहिर करता है और लिखता है कविताओं के माध्यम से शेर शायरियों के माध्यम से और अन्य लेखों के माध्यम से जीवन में घटित होने वाली हर घटना को पारदर्शिता देते हुए लेखन करता है इनके लिखना में आनंद की अनुभूति हर शब्द के साथ जुड़ा हर पंक्ति के अंत में लाएं बरकरार रहती है अब इनकी पंक्तियां पर और इनको इंस्टाग्राम पर फॉलो करें उनका फेसबुक पेज लाइक करें लिंक नीचे दी जाएगी#Sixsevenmixes
Wr.Vivek Kumar Akela 

Wednesday 13 November 2019

बाल दिवस पर भाषण ,Children's Day

बाल दिवस पर भाषण

                 भारत में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन, 14 नवंबर, को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है । क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था । और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। नेहरू कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्रेम दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें, बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं. स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रमों आयोजित किया जाता हैं, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं. स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता होती है. इस बाल दिवस अगर आप भाषण (Children's Day Speech) देना चहाये तो कुछ नया भाषण दे।


                                                                   भाषण 

                   आदरणीय गुरुजनो और मेरे प्रिये साथियों को बाल दिवस की शुभकामनायें,                        बाल दिवस के अवसर पर में अपना व्याख्यान (भाषण) प्रस्तुत कर ने जा रहा हू्ॅ, अगर इस में कोई भी गलती हो तो क्षमा करें,
                     महफील सजाले तो शहंशाह क्या हैं,
                     दिल में वसाले तो दिवाने क्या हैं।
                     वो बचपन आज मिल जाये,
                     तो जीवन के फसाने क्या हैं।।
जैसा कि इस कविता से पता चल रहा है, की बचपन और बच्चे जीवन में कितना महत्व रखते हैं उसी महत्व को चाचा नेहरू हमेंसा सनझाते रहे हैं यही कारण है कि बच्चे आज चाचा जी के लिये ये गीत गाते हैं,


                     चाचा जी के हम हैं बच्चे प्यारे,

                   मां-बाप के हैं राज दुलारे,     
               जैसा की हमारे सभी साथी बता चुके है की बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है। बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए. हमारे देश में अभी भी काफी सारे बच्चे बाल मजदूरी में फंसे हैं और कुछ लोग अपने थोड़े से लाभ के लिए उनका शोषण कर रहे हैं. वास्तव में बाल दिवस का अर्थ पूर्ण रुप से तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर बच्चे को उसके मौलिक बाल अधिकारों की प्राप्ति ना हो जाए। भले ही बच्चों के भलाई और बाल अधिकारों के लिए सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं क्यों ना चलायी जा रही हों पर उन तक उनका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है, ऐसे में बाल दिवस के अवसर पर हम सब को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए। इसी पर में दो शब्द कहुगा-
                                  बचपन का उन्हें खुमार मिलना चाहिये,
                                  फूल ये बागों में रहमत से खिलना चाहिये,
                                  कोई बच्चा ना बन जाये मजदूर किसी घर में,
                                  ये फैसला सब कि सहमत से होना चाहिये,
                   जय हिन्द, जय भारत

Saturday 14 September 2019

हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

हिंदी दिवस पर दें ये भाषण

आदरणीय मुख्य अतिथि, शिक्षकों और मेरे मित्रों को नमस्कार
मैं हिंदी दिवस के महत्व पर कुछ शब्द कहने के उपस्थित हुआ/ 
 हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को देश भर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. हिंदी ने हमें दुनियाभर में पहचान दिलाई है.  भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में हिंदी बोली जाती है. हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है. राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिंदी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था. भारत सालों तक अंग्रेजों का गुलाम  रहा. इसी वजह से उस गुलामी का असर लंबे समय तक देखने को मिला. यहां तक कि इसका प्रभाव भाषा में भी पड़ा. वैसे तो हिंदी दुनिया की तीसरी ऐसी भाषा है जिसे सबसे ज्‍यादा लोग बोलते हैं लेकिन इसके बावजूद हिंदी को अपने ही देश में हीन भावना से देखा जाता है. आमतौर पर हिंदी बोलने वाले को पिछड़ा और अंग्रेजी में अपनी बात कहने वाले को आधुनिक कहा जाता है. इसे हिंदी का दुर्भाग्‍य ही कहा जाएगा कि इतनी समृद्ध भाषा कोष होने के बावजूद आज हिंदी लिखते और बोलते वक्‍त ज्‍यादातर अंग्रेजी भाषा के शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया जाता है. और तो और हिंदी के कई शब्‍द चलन से ही हट गए. ऐसे में हिंदी दिवस को मनाना जरूरी है ताकि लोगों को यह याद रहे कि हिंदी उनकी राजभाषा है और उसका सम्‍मन व प्रचार-प्रसार करना उनका कर्तव्‍य है. हिंदी दिवस मनाने के पीछे मंशा यही है कि लोगों को एहसास दिलाया जा सके कि जब तक वे इसका इस्‍तेमाल नहीं करेंगे तब तक इस भाषा का विकास नहीं होगा. 

कुछ खास बातें


1. भारतीय युवा Youtube पर 93% विफियो हिंदी में देखते है

2. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयो के स्मार्टफोन मे औसतन 20 मे से 9 APP हिंदी के हैं

3. हिंदी कंटेंट की मांग करीब 94% की दर से बढ़ रही है, जबकि अंग्रेजी कंटेंट की मांग इससे काफी कम है

4. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा तैयार पावर लैंग्वेज इंडेक्स के मुताबिक वर्ष 2050 तक हिंदी दुनिया की ताकतवर भाषाओं में से एक होगी


5. दुनियाभर में लगभग 176 विश्वविद्यालय ऐसे हैं जहां हिंदी पढ़ाई जाती है। उनमें से 45 विश्वविद्यालय अमेरिका के हैं

   जय हिन्द .......

                          जय भारत............


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